PM मोदी के 'ड्रामा' वाले बयान पर बवाल; कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने किया पलटवार, क्या कुछ कहा, यहां पढ़ लीजिए पूरी खबर
Congress MP Priyanka Gandhi react on PM Modi Drama Comment
Priyanka Gandhi on PM Modi: आज संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा और साथ में तंज कसते हुए मजे में लिए। इसी के साथ पीएम मोदी ने विपक्ष को नसीहत भी दी थी कि विपक्ष संसद में ड्रामा न करे। उसके ड्रामे के लिए पूरा देश खाली पड़ा है। पीएम ने कहा था कि संसद में ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए। वहीं अब पीएम के 'ड्रामा' वाले इस बयान को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। पीएम मोदी के इस बयान पर प्रियंका गांधी ने पलटवार किया है। इस पर रिएक्ट करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि मुद्दों पर बोलना और उन्हें उठाना ड्रामा नहीं है।
प्रियंका ने कहा- ड्रामा का मतलब चर्चा न होने देना है
दरअसल कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी शीतकालीन सत्र में हिस्सा लेने के लिए संसद पहुंची थीं। इस बीच सदन के बाहर मीडिया से रूबरू हुईं और इस बीच उन्होंने पीएम के विपक्ष को लेकर दिये गए ड्रामे वाले बयान को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। प्रियंका ने कहा कि चुनाव की स्थिति, SIR और प्रदूषण बहुत बड़े मुद्दे हैं। आइए उन पर चर्चा करें। संसद किस लिए है? यह ड्रामा नहीं है। मुद्दों पर बोलना और उन्हें उठाना ड्रामा नहीं है। ड्रामा का मतलब है कि विपक्ष के लोगों को बोलने न देना और चर्चा न होने देना।
ड्रामेबाजी तो नरेंद्र मोदी करते हैं pic.twitter.com/jXaoccCrZn
वहीं प्रियंका गांधी के साथ-साथ कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने पीएम मोदी के बयान पर कहा, "जो ड्रामा शब्द का उपयोग कर रहे हैं सबसे बड़े ड्रामा मास्टर हैं। उनसे ही हमें ड्रामा सीखना है कब, कैसे करना है ये सब हमें उनसे सीखना है हमें ये आता नहीं है क्योंकि हम दिल से काम करते हैं जमीन से जुड़े हुए हैं। इसी तरह सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "ड्रामा कौन करता है ये सबको पता है। ड्रामा का उपयोग इसलिए करना क्योंकि D से डेमोक्रेसी है हम ये चाहते हैं कि ईमानदारी से काम हो और कोई भी मतदाता छूटे नहीं। जिन BLO की जान जा रही है तो क्या वो ड्रामा था?
पीएम मोदी ने विपक्ष पर क्या कहा था?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा था, ''ड्रामा करने के लिए और बहुत सी जगह होती हैं, जिसको करना है करता रहे। लेकिन यहां ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए। नारे लगाने और बुलवाने के लिए पूरा देश खाली पड़ा है। जहां पराजित हो चुके हैं वहां नारे लगा ही चुके हैं, जहां आगे पराजय होने वाली है वहां भी जाकर नारे लगा दीजिए। लेकिन यहां नारे नहीं नीति पर बल देना चाहिए और वो आपकी नीयत होनी चाहिए। हो सकता है कि राजनीति में नकारात्मकता कुछ काम आती होगी लेकिन राष्ट्र निर्माण के लिए कुछ सकारात्मक सोच भी होनी चाहिए। नकारात्मकता को अपनी मर्यादा में रखें और देश की तरफ ध्यान दें।''
लोकसभा में SIR को लेकर हंगामा
यह तय माना जा रहा था कि संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार होगा और उम्मीद के मुताबिक शीतकालीन सत्र अपने आगाज के साथ ही हंगामेदार हो गया। सत्र के पहले दिन ही लोकसभा सदन में जमकर हंगामा हुआ है। शून्य काल के दौरान SIR को वापस लेने की मांग और चर्चा को लेकर विपक्ष के हंगामे के बाद पहले लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई। लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों को शांत कराने की कोशिश की, हालांकि, हंगामा नहीं थमा। उसके बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

बता दें कि यह पहले से ही लग रहा था कि विपक्ष SIR, वोट चोरी, दिल्ली ब्लास्ट, दिल्ली प्रदूषण और विदेश नीति जैसे तमाम मुद्दों को लेकर सरकार को पुरजोर घेरने की कोशिश करेगा। खासकर SIR, वोट चोरी को लेकर तो विपक्ष का सरकार पर बड़ा हमला देखने को मिलने वाला है। क्योंकि वैसे भी कांग्रेस और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा लगातार देश में वोट चोरी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जा रहा है। इसके साथ ही विपक्ष SIR को लेकर चुनाव आयोग और सरकार पर लगातार हमलावर है।